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6 Sep 2023 · 1 min read

गुरु

बदल देते हैं जीवन-मूल्य,
विस्मृत कर देते हैं
बड़ी से बड़ी भूल।
सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव,
लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभाव
जब मेरे पास होते हैं गुरु!

भले अदृश्य होते हैं,
पर..
प्रतिपल विचारों को सहेजते हैं।

त्रुटियों का आकलन,
वहम का निराकरण,
मृदुल स्वर से कर जाते हैं।
बनकर मार्गदर्शक..
साथ देते हैं गुरु!

निराशा की कल-कल बहने वाली
नदी को,
हृदय का दम घोटने वाली
सुधि को,
छुपा लेते हैं अपने शिख पर,
आशा का अनमोल-अमृत
बाँट देते हैं गुरु!

चुन-चुन कर अवसाद के कंकड़,
सुलभ-सहज कर देते हैं,
भावना का पथ।

विचारों के विस्थापित अंश हों या
टीस हो अपूर्ण रिश्तों की।
अनंत इच्छाओं का भार हो या..
असंतुष्टि हो अतृप्त-कामना की।

वेदना का प्रत्येक कण चुनकर,
जीवन के श्यामपट पर
संतुष्टि से सजी
सकारात्मकता को,
छाप -देते हैं गुरु!

उनके साथ होने से मिलते हैं
विस्मयकारी,
अतुलनीय-अनुभूति के पल!

व्यस्तता के मध्य..
विचलित-मन की हर हलचल को,
वैचारिक -अवरोध के अपरिपक्व-संघर्ष को,
संवेदित-ज्ञान से परे कर,
स्नेह-आलंबन देकर,
नव-प्रेरणा की अद्भुत आस होते हैं गुरु!

मेरी एकाकी-टूटन में
शांति-दूत बनकर
सदैव मेरे पास होते हैं गुरु।
मेरे हर प्रश्न का जवाब होते हैं गुरु!

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
5 Likes · 214 Views

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