गुरु है महान ( गुरु पूर्णिमा पर विशेष)
गुरु है ब्रह्मा,
गुरु है विष्णु ,
गुरु ही है महेश्वर ।
क्योंकि गुरु में ही है ,
इनका स्वरूप समाया,
गुरु को शत शत नमस्कार ।
गुरु जी है शक्ति ,
गुरु जी है मुक्ति ,
गुरु जी है भक्ति का समाहार ।
सकल जगत में ,
गुरु को न समझो कम।
माता पिता और अन्य ,
संबंधियों से गुरु का स्थान सबसे श्रेष्ठतम ,
गुरु जी दें अमूल्य ज्ञान का भंडार ।
कच्चा घड़ा होता है शिष्य ,
गुरुजी के ज्ञान और अनुशासन से ,
सुदृण और योग्य बनता शिष्य ।
गुरु जी है देते उसके व्यक्तित्व को सुन्दर आकार ।
भक्ति का मार्ग हो ,
दुनियादारी हो ,
या शैक्षणिक ज्ञान हो ,
सभी का सुन्दर संयोजन है गुरु की महानता आपार ।