*गुरु-वंदना (कुंडलिया)*
गुरु-वंदना (कुंडलिया)
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मिलता गुरु से ज्ञान है ,गुरुवर सूर्य – समान
जिसको जीवन में मिलें ,समझो पुण्य प्रधान
समझो पुण्य प्रधान ,दोष से रहित कराते
विकृतियाँ कर दूर , पूर्णता को ले आते
कहते रवि कविराय ,सुमन-सा जीवन खिलता
अहोभाग्य वरदान ,मान जग में फिर मिलता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451