गुरु महिमा
मिला ज्ञान गुरुओं की वाणी से हमको
वही वाणी तो आज अमृत बनेगी ।
उसी के सहारे जो तोड़ोगे पर्वत,
तो पर्वत से भी आज गंगा बहेगी ।।
बिना ज्ञान के सारी दुनियां है सूनी,
बिना ज्ञान ब्रम्हा की सृष्टि है झूठी ।
रहे ध्यान उनका करें मान उनका,
जो गुरु की कृपा हो, तो हो ज्ञान वृष्टि ।।
जो तम से निकाले, उजाला दिखादे ,
भटकते हुए को , गले से लगाले ।
सच्चे गुरु की निशानी , यही है ,
ऐंसे गुरु को तू सद्गुरू बना ले ।।
दानी बड़े वो है ,विद्या दान करते ,
ज्ञानी बड़े जो है, संताप हरते ।
करें उनकी पूजा , वो ज्ञानी वो दानी ,
गुरूजी का हम आज , अर्चन हैं करते ।।
वेदों ने भी जिनकी महिमा है, गायी,
गोविन्द से ऊपर है पदवी बताई ।
सदा नत रहे उनके चरणों में माथा ,
जीने की गुरु ने , कला जो सिखाई ।।
गुरुओं के चरणों में सादर समर्पित
गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाओं सहित
आपका
सुनील सोनी “सागर” शिक्षक
चीचली , जि, नरसिंहपुर
म, प्र,