गुरु महिमा भाग दो
गुरु की महिमा भाग दो
गुरु बिन न ज्ञान मिले,गुरु बिन न दिशा निर्देश।
गुरु ही सर्वोपरि है,गुरु ही ब्रह्मा विष्णु व महेश।।
गुरु किसी का न बुरा करे,करे सब का कल्याण।
बिना दक्षिणा के गुरु ही देते है वे सबको ज्ञान।।
गुरु ज्ञान की खान है,सब खानों में ये है विशेष।
गुरु से बड़ा कोई नही,कहते पार्वती पुत्र गणेश।।
जननी पहली शिक्षक है,उसका करो तुम सम्मान।
उसके आशीर्वाद से मिले सब गुरुओं का ज्ञान।।
गुरु गोविंद दोनो खड़े,किसके करू चरण स्पर्श।
गोविंद कहने लगे,गुरु के चरण करो तुम स्पर्श।।
गुरु द्रोणाचार्य ने बसाया है,एक नगर गुरुग्राम।
गुरु द्रोणाचार्य जी को,करते हम सब प्रणाम।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम