गुरु महादेव रमेश गुरु है,
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
ब्रह्मा व विघ्नेश गुरु है।
आदिशक्ति जगदम्बा सतगुर,
राम गुरु व श्याम गुरु है।
आदि गुरु है अंत गुरु है,
हाथी पग वत सन्त गुरु है।
सब तज गुरु सेवा करें मन से,
साथ गुरु तब नाम शुरू है।
सतगुर जीव को शब्द बताता,
गुरु सम कोई और न दाता।
जिस पर सतगुर दया मेहर करे,
भव से पार सहज वही जाता।
गुरु नाम और गुरु ही नामी,
घट घट का है अंतर्यामी।
कर्म लेख मिटे दया मेहर से,
ले जाता जहां सबका स्वामी।