गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
चिंतन किया जब प्रथम गुरु का,
माँ का चेहरा मेरे सामने आया,
बातों ही बातों में माँ ने हमको,
शब्द ज्ञान से परिचय दिलाया,
जन्म लिया तब मूक थे हम,
माँ ने ही हमें बोलना सिखाया,
कभी सुनाई परियों की कहानी,
पौराणिक कथा का ज्ञान कराया,
क्या है अच्छा, क्या है बुरा,
सबसे पहले हमें माँ ने बताया,
चिंतन किया जब द्वितीय गुरु का,
पिता का चेहरा सामने आया,
पकड़कर अंगुली पिता ने हमको,
आत्मनिर्भरता से चलना सिखाया,
जब जब ठोकर खायी हमने,
पिता ने स्वयं ही उठना सिखाया,
परिस्थिति हो चाहें जैसी भी,
उन्होंने हमारा विश्वास बढ़ाया,
चिंतन किया जब तृतीय गुरु का,
शिक्षकों का चेहरा सामने आया,
सारे विषयों से अवगत कराकर,
हमारा सम्पूर्ण ज्ञान बढ़ाया,
भेदभाव न रखा छात्रों में कभी
मिलजुलके रहने का पाठ सिखाया,
तराश कर हमारे गुणों को उन्होंने,
हमकों एक योग्य प्राणी बनाया,
नमन है मेरा सारे गुरुजनों को,
जिन्होंने हमें अच्छा इंसान बनाया,
समाज मे कैसे रहना है हमें,
प्रति पल इसका पाठ पढ़ाया,
धन्य हुआ मेरा यह जीवन,
मैंने महान गुरुजनों को पाया।।
By:Dr Swati Gupta