गुरु पूर्णिमा आ वर्तमान विद्यालय निरीक्षण आदेश।
गुरु पूर्णिमा आ वर्तमान विद्यालय निरीक्षण आदेश।
-आचार्य रामानंद मंडल
बंदउ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।
-संत तुलसीदास
गुरु के महिमा के बखान कबीर के शब्द में –
सात समद के मसि करौं,लेखन सब बनराई।
धरती सब कागज करौं, गुरु गुन लिखा न जाई।।
गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने,गोविंद दियो बताय।।
माने कि गुरु के महिमा अपरम्पार हय।
गुरु पूर्णिमा महर्षि कृष्ण द्वैपायन अर्थात वेद व्यास के सम्मान में मनायल जाइत हय वो वेद के चार भाग में बंटलन यथा ऋगवेद, सामवेद, यजुर्वेद आ अथर्ववेद। अट्ठारह पुराणों के संगे वो चर्चित महाभारत काव्य ग्रंथ के रचयिता हतन।
गुरु के महत्ता बनल रहय तैला आजादी के बाद पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन के जयंती के शिक्षक दिवस के रूप में मनायल जाइत हय।आ शिक्षक के गुरु रूप मे श्रद्धा निवेदित कैल जाय हय।
प्रारम्भिक शिक्षा के अंतर्गत महीना मे एक दिन प्रखंड स्तरीय गुरु गोष्ठी के आयोजन कैल जाइ हय।जैमे हर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अप्पन विद्यालय के आवश्यक कागजात के जमा करैत हतन तथा सरकारी आदेश-निदेश से अवगत होइ हतन। गुरु गोष्ठी के अध्यक्षता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी करैत हतन। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रखंड स्तरीय निरीक्षण पदाधिकारीयो छतन। हालांकि बिहार शिक्षा परियोजना के गठन के पहिले मध्य विद्यालय के निरीक्षी पदाधिकारी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी आ प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षी पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी होइत रहलन। जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधीक्षक आ जिला शिक्षा पदाधिकारी निरीक्षी पदाधिकारी होइत रहलन। प्रारम्भिक शिक्षा के प्रशासनिक काज जिला शिक्षा अधीक्षक आ माध्यमिक शिक्षा के जिला शिक्षा पदाधिकारी करैत रहलन। हालांकि जिला शिक्षा उपाधीक्षक आअनुमंडल शिक्षा पदाधिकारीयो होइत रहलन परंच वो निष्क्रिय रहैत रहलन।
आबि जिला शिक्षा अधीक्षक, उपाधीक्षक अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी आ क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के पद समाप्त क देल गेल हय।आ आबि जिला शिक्षा पदाधिकारी,चार गो जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी काज क रहल हतन।सभ निरीक्षी पदाधिकारी होइत हतन।
एतबे न, बल्कि विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष (पंचायत वार्ड सदस्य), मुखिया, प्रखंड प्रमुख आ जिला परिषद के अध्यक्ष प्रारंभिक विद्यालय के निरीक्षी पदाधिकारी हतन। प्रारम्भिक शिक्षा से लेके उच्चतर माध्यमिक शिक्षा तक त्रिस्तरीय पंचायती राज के अधीन हय। इंहा तक कि शिक्षक नियोजन के अधिकार देल गेल हय।छठा चरण तक शिक्षक नियोजनो कैलक। परंतु सातम चरण मे नियम बदल गेल।आबि बीपीएससी से नियोजन कैल जायत आ सरकारी कर्मचारी के दर्जा देल जायत। परंतु नया निम्न स्केल के वेतनमान देल जायत।जौंकि बिहार में केन्द्रीय वेतनमान लागू हय।
जे पहिले से नियोजित शिक्षक हतन वोकरो बीपीएससी के परीक्षा पास कैला के बाद सरकारी कर्मचारी के दर्जा आ लाभ पैतन। हाल मे डोमिसाइल नीति के समाप्त क देल गेल हय।अइके विरोध मे नियोजित शिक्षक आ अभ्यर्थी आवाज बुलंद क रहल हतन।
आबि सरकारी नया आदेश के मुताबिक विद्यालय के जांच शिक्षा विभाग के जांच अधिकारी आ पंचायत राज के जांच अधिकारी के अलावा कोनो विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के छोड़ के चिन्हित कर्मचारी पदाधिकारी आ नियोजित कर्मचारी करत।अइ आदेश निदेश केयो शिक्षक विरोध क रहल हतन।अइसे पहिले सरकार जीविका दीदी के विद्यालय निरीक्षण के अधिकार देले रहय जेकरा माननीय उच्च न्यायालय निरस्त के देले रहय। आशा हय नयो आदेश उच्च न्यायालय से निरस्त हो जायत।
अंततः शिक्षक के मानमर्दन से शिक्षा में गुणवत्ता न आ सकैय हय।अइ सभ तथ्य पर जनता आ सरकार के विचार करे के आवश्यकता हय। गुरु पूर्णिमा के शुभावसर पर बधाई संगे शुभकामना।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।