गुरु ने ज्ञान दिया ____ गजल/गीतिका
संवारना था जीवन मैंने उसे संवार लिया।
गुरु ने ज्ञान दिया मैंने मन में उतार लिया।।
नहीं मानता उनकी बात ,कौन देता मेरा साथ।
मैंने तो उनको नाथ कहकर पुकार लिया।।
उनके ही आदेशों से चला हूं, संस्कारों में पला हूं।
मुझ पर उन्होंने बहुत बड़ा उपकार किया।।
जब जब भी वे बोले मेरे ज्ञान के चक्षु खोलें।
अंधकार से गुरु ने मेरे मुझको दूर किया।।
आज जो कुछ भी हूं उनकी ही बदौलत हूं।
वे दौलत है मेरी, जो मांगा मुझे हर बार दिया।।
जब तक रहेगी सांस उनसे ही रहेगी आस।
संकल्प “अनुनय” ने तो जीवन में उतार लिया।।
राजेश व्यास अनुनय