Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2024 · 2 min read

गुरु कुल के प्रति गोपी छंद

गुरु कुल के प्रति ÷
गोपी छंद 15
आदि में त्रिकल द्विकल
अंत में गुरू
××××÷××××××
हमारे प्यारे गुरु कुल में।
सभी से न्यारे गुरुकुल में।
मनोहर शुभ आशीष धरें।
व्यवस्था सदा मनीष करें।।
सराहें पटल सभी मिलके
छंद सब भाव बुनें दिल के ।
गगन सम तारे गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

जहाँ पर शशि सुरेन्द्र शोभें ।
जहाँ पर केतन मन लोभें ।
मिले हर बार प्रतीक्षा से ।
अरुण की सही समीक्षा से।
सीखते सारे गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

यहाँ पर्वत सब भार धरें ।
यहाँ राहुल शुभ काज करें।
प्रीतिमा पटल देख पुलकें ।
प्रजापति विजय रवी हुलकें।
पवन सम निष्ठा वान बनें।
सार्थक सुख सोपान तनें ।
बने हैं नारे गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

हाथ में मँहदी रचा लई ।
नाम गुरुकुल लिख प्रीत भई।
नर्मदा के तट सुख पाया ।
हमें आनंद खूब आया।
नेह से हारे गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

गुरूजी रचे कहाँ कब हैं।
जतन से छंद रखे सब हैं।
बडोदा के राजेन्द्र गुनी।
भिजायें उनको पुनी पुनी।
प्रशंसा के सब रोगी हैं।
गौर गौरी सहयोगी हैं
मृदुल शानू भी कभी रहे।
नितिन से जाकर कौन कहे।
सहारे धारे गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

बहुत से अबतक चुप बैठे
बिना कारण ही कुछ ऐंठे।
जरा भी जोश उमंग नहीं।
नाम है यहाँ जुड़ाव कहीं।
करें क्या समझ नहीं आता।
निभे किस तरह प्रीत नाता।
निखारे सबको गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

समस्या पूर्ति करो भाई।
वंदना छंद गुरू गाई ।
नहीं भ्रम पालो अब मनमें।
एकता रखो संगठन में।
पुकारे शारद गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।।

तनी ये छंद पतंग रहे ।
जमाना देखे दंग रहे ।
भाव में भाई चारा हो ।
प्रेम का सुखद सहारा हो।
लगें जैकारे गुरु कुल में।
हमारे प्यारे गुरु कुल में।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
15/1/24

Language: Hindi
122 Views

You may also like these posts

प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
Ravikesh Jha
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
#श्योपुर-
#श्योपुर-
*प्रणय*
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जिंदगी सितार हो गयी
जिंदगी सितार हो गयी
Mamta Rani
कविता
कविता
Neelam Sharma
वैश्विक बाज़ार और हिंदी
वैश्विक बाज़ार और हिंदी
Shashi Mahajan
2694.*पूर्णिका*
2694.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरियाणा चुनाव
हरियाणा चुनाव
Sanjay ' शून्य'
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
जिंदगी मैं भी तो हूं
जिंदगी मैं भी तो हूं
Surinder blackpen
जेल डायरी (शेर सिंह राणा)
जेल डायरी (शेर सिंह राणा)
Indu Singh
निशब्द
निशब्द
NAVNEET SINGH
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
मनोज कर्ण
#पंचैती
#पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
"आवारा-मिजाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
ए अजनबी तूने मुझे क्या से क्या बना दिया
ए अजनबी तूने मुझे क्या से क्या बना दिया
Jyoti Roshni
जीवन का त्योहार निराला।
जीवन का त्योहार निराला।
Kumar Kalhans
धन
धन
रेवन्त राम सुथार
#कबित्त
#कबित्त
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*गीतिका विधा*
*गीतिका विधा*
आचार्य ओम नीरव
बगुलों को भी मिल रहा,
बगुलों को भी मिल रहा,
sushil sarna
जीवन इच्छा
जीवन इच्छा
Sudhir srivastava
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
Loading...