Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 2 min read

गुरु का महत्व

गुरु का महत्व

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वर: ।
गरु:साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्रीगुरुवे नमः।।

पौराणिक समय से ही हमारे देश में गुरु का विशेष महत्व है। गुरु ही शिष्य के जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश फैलता है। कबीर दास जी भी कहते है कि-

गुरु कुम्भार शिष कुंभ है, गढ़ी-गढ़ी काढ़ै खोट।
अंतर हाथ सहारि दै, बाहर बाहै चोट।।

अथार्त- गुरु कुम्भार है और शिष्य मिट्टी के कच्चे घड़े के समान है, जिस प्रकार घड़े को सुन्दर बनाने के लिए कुम्हार अन्दर से हाथ का सहारा देकर ऊपर से थाप मारता है ठीक उसी प्रकार गुरु अपने शिष्यों को डांट-फटकार लगाकर कठोर अनुशासन में रखता है लेकिन दिल में प्रेम भावना रखते हुए शिष्य को सज्जन और सुसंस्कृत बनाता है। गुरु की कठोरता बाहरी होती है लेकिन अन्दर से वो दयावान होते हैं।

एक समय की बात है। नरेन (स्वामी विवेकानन्द) अपने छात्र जीवन में आर्थिक संकट से परेशान थे। तभी वे अपने गुरु राम कृष्ण परमहंस के पास गए और उन्होंने अपने गुरु से कहा कि यदि आप काली माँ से प्रार्थना करेंगे तो वे हमारे वर्तमान आर्थिक संकट को दूर कर देंगी। रामकृष्ण जी बोले- ‘नरेन संकट तुम्हें है, तुम खुद जाकर माँ से मांगो, वह अवश्य तुम्हारी सुनेंगी।‘ गरु की बात मानकर नरेन माँ के पास गए और बोले ‘माँ मुझे भक्ति दो’ यह बोलकर नरेन अपने गुरु के पास आ गए। उन्होंने पूछा- ‘क्या माँगा’ ? नरेन बोले माँ मुझे भक्ति दो। गुरु बोले अरे इससे तुम्हारे कष्ट नहीं दूर होंगे, तू फिर अन्दर जा और माँ से स्पष्ट मांग। नरेन दूसरी बार गए और वही बोले- ‘माँ मुझे भक्ति दो’ फिर तीसरी बार भी उन्होंने काली माँ से यही कहा- ‘माँ मुझे भक्ति दो’ तब गुरु परमहंस हंसने लगे और बोले नरेन! मुझे मालूम था तू माँ से भौतिक सुख कभी भी नहीं मांगेगा क्योंकि तुम्हारे हृदय में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने की जिज्ञासा उत्पन्न हो चुकी है इसलिए मैंने तुम्हें तीन बार भक्ति मांगने के लिए ही अन्दर भेजा था। तुम्हारे वर्तमान आर्थिक संकट का समाधान तो मैं स्वयं कर सकता था। तात्पर्य है कि सच्चे गरु के सानिध्य
में रहकर ही मन का शुद्धिकरण करना सहज और सरल हो पाता है।
जय हिंद

Language: Hindi
1 Like · 32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Tum har  wakt hua krte the kbhi,
Tum har wakt hua krte the kbhi,
Sakshi Tripathi
अपवाद
अपवाद
Dr. Kishan tandon kranti
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कुछ
कुछ
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
सविता की बहती किरणें...
सविता की बहती किरणें...
Santosh Soni
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
करम
करम
Fuzail Sardhanvi
विनम्रता
विनम्रता
Bodhisatva kastooriya
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
यह मत
यह मत
Santosh Shrivastava
दिखावा
दिखावा
Swami Ganganiya
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
मित्रता का बीज
मित्रता का बीज
लक्ष्मी सिंह
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
दहलीज के पार 🌷🙏
दहलीज के पार 🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
जीने का हौसला भी
जीने का हौसला भी
Rashmi Sanjay
लुगाई पाकिस्तानी रे
लुगाई पाकिस्तानी रे
gurudeenverma198
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
Upon the Himalayan peaks
Upon the Himalayan peaks
Monika Arora
खास होने का भ्रम ना पाले
खास होने का भ्रम ना पाले
पूर्वार्थ
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खिला है
खिला है
surenderpal vaidya
हर दिन के सूर्योदय में
हर दिन के सूर्योदय में
Sangeeta Beniwal
Loading...