गुमशुम सी लड़की।
मेरी जिदंगी मेरी मां की निशानी है।
हर किसी को देना खुदा की मेहरबानी है।।
फैशन की दुनियां बडी दिवानी है।
समझो ना उसे मालकिन वह नौकरानी है।।
यूं हंसना किसी पर होती नादानी है।
जानकर रो दोगे उसकी जो कहनी है।।
उसकी इश्के दास्तां सुनकर सबको हैरानी है।
गुमशुम सी लड़की निकली किसी की दिवानी है।।
कितना भी छुपा लो सच्चाई आ जानी है।
झूठ की होती ना कभी लम्बी जिंदगानी है।।
उस पर कई निगाहों की बड़ी निगरानी है।
फिर भी देखना मोहब्बत घर कर जानी है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ