गुमशुम यादों मे
गुमशुम यादों मे जैसे तुम ही?
धड़कते दिल मे जीने की आश तुम ही?
कोई क्या समझे दर्द ए मुहब्बत?
दिल चोरी भी किया किसी ने, वो भी क्या तुम हो?
शायर© किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)
गुमशुम यादों मे जैसे तुम ही?
धड़कते दिल मे जीने की आश तुम ही?
कोई क्या समझे दर्द ए मुहब्बत?
दिल चोरी भी किया किसी ने, वो भी क्या तुम हो?
शायर© किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)