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22 Jan 2020 · 1 min read

गुमशुदा हैं कौन मुझमें

गुमशुदा हैं कौन मुझमें
महसूस करती हूँ,खुद को तुझमें

सच हैं या, हैं सरासर झूठ कोई
खबर करती,हवाएँ मुझे सूद में

न बात,न हुई मुलाकात तुमसे कोई
शक हैं सबको,खुद उनकी जिद में

कैसे यकीन दिलाएगी “रेखा ” तू
जो घिरे बैठे हैं, भ्रम के सिद में

रेखा “कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र

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