गुमशुदा रास्ते
गुमशुदा रास्ते हो गए
मंजिलो के पते खो गए
वो कहानी सुनाते रहे
सुनने वाले सभी सो गए
स्वप्न के बीज बोने चले
पत्थरों पर मग़र बो गए
लौटकर वो न आये कभी
इस जहां से चले जो गए
उठ न पाया मशीनों से जो
भार काँधे पे ही ढो गए
कदमों से नाप दीं सड़कें
अपने घर वो पहुंच तो गए