गुमनाम
गुमनाम मुझे रहने दो
बस शान से जीने दो
कहीँ चाह चाँद छूने की
दो वक्त का इन्तजाम होने दो
यूँ तु आसमां के तारे
हर रोज मुझे लुभाते है
पर पाँव मेरा इस जमीं
पर सदा ही बना रहने दो
गुमनाम मुझे रहने दो
बस शान से जीने दो
कहीँ चाह चाँद छूने की
दो वक्त का इन्तजाम होने दो
यूँ तु आसमां के तारे
हर रोज मुझे लुभाते है
पर पाँव मेरा इस जमीं
पर सदा ही बना रहने दो