गुमनाम दिल
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बेचारा दिल यूँ ही गुमनाम हैं,
तेरे न होने का ये बदलाव है,
हम सर से पैर तक तेरे हो गये,
लगता नहीं दिल रखने का तेरा इंतज़ाम है ।
सब की आँखो से बचता है,
तेरा होने को तरसता है ,
तू आँख भर के बस देख ले
तेरे इश्क़ को दिल तड़पता है।
तू हद से ज़्यादा दूर हैं,
दिल तेरे लिये मजबूर हैं,
क्या करूँ इन यादों का,
जिस्म में खून नहीं तू है।
मेरी मीठी बातो को भूली है
बेगने ज़हर में तू लिपटी हैं
तुझे होश नहीं लुटेरे हैं
तू अभी मासूमों से ही निकली है।
Apka Harsh