गुण में गणेशक पुत्र महेशक पुजा कैरीतै रही
श्री गणेश भजन
गुण मैं गणेशक पुत्र महेशक पुजा कैरीते रही
शिध्दी विनायक मंगल कारक के पुजा कैरीते रही
भक्त के अपन ई उवारैत जथिन
हर दुःख से ई बचावैत छथिन
जय हो गणनायक ई कहीते रही
जय गणेश जय गणेश ई जैपते रही।।-२
जय जय देव जय जय देव-२
फुल सब आंनू न ऐड़पन पारु न
पुजा के वीधीवत ओरीयान कऽ लियऽ
हकार दऽ अवीयौ न टोलों में कहीयौ न
देव के सब कियों ध्यान कऽ लियऽ
दुर में छैथ पंडित जी कहीं के अबीयौं
व्रत धारी के आहां ध्यान रखीयौं
जय हो गणनायक ई कहीते रही
जय गणेश जय गणेश ई जैपते रही
जय जय देव जय जय देव-२
पंडित जी चलूं न पुजा कराबूं न
पुजा के उचित समय भऽ गेल
दीप जरौंने छी आसन लगौने छी
मंडप में भक्त के भीड़ भऽ गेल
जे उचित दक्षिणा हैत ओ सब भेटंत
चुरा दही के ओतऽ भोजन भेंतट
चुरा दही के ओतऽ भोजन भेंतट
जय हो गणनायक ई कहीते रही
जय गणेश जय गणेश ई जैपते रही
जय जय देव जय जय देव-२
गीतकार- रौशन राय
तारीख – ०१ – ०९ २०२१
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