गुजारा हो नहीं पाता
बिना उसके तो अब मेरा,गुजारा हो नहीं पाता
मैं उसका हूँ मगर वो क्यों,हमारा हो नहीं पाता
मोहब्बत ने मुझे अब तो, समंदर में उतारा है
मैं कश्ती में तो हूँ लेकिन,किनारा हो नहीं पाता
सागर झा ✍️
बिना उसके तो अब मेरा,गुजारा हो नहीं पाता
मैं उसका हूँ मगर वो क्यों,हमारा हो नहीं पाता
मोहब्बत ने मुझे अब तो, समंदर में उतारा है
मैं कश्ती में तो हूँ लेकिन,किनारा हो नहीं पाता
सागर झा ✍️