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27 Jan 2024 · 1 min read

गुज़ारिश

चाहें जो मौसम हो गम हो खुशी हो,
दिन हो या फिर रात हो।
हम तुम ही हों जो अगर साथ तो फिर,
फकत प्यार की बात हो।

ख़ामोश आँखों की गर समझो बोली,
तुमसे गुज़ारिश है ये।
जरूरत बने हो तो फिर जीने भी दो,
बस एक ख्वाहिश है ये।

तुम मुस्कराकर मेरे पास आये,
दीवाना मैं बन गया।
सोंचा बहुत तोहफा क्या दूँ तुम्हें,
खुद नज़राना मैं बन गया।

लो जी सँभालो मेरे दिल की चाबी,
अब से ये घर है तुम्हारा।
चाहत के रंगों से भरपूर कर दो,
खिल जाए जीवन हमारा।

तुम खिलखिलाकर गुलाबों सा हँस दो,
गुलशन तो महके जरा।
मदमाते नयनों से मस्ती पिला दो,
दिल मेरा बहके जरा।

मैं जाम आँखों के पीकर जो बहकूँ,
मुझको सँभलने न दो।
अगर होश आया तो जी ना सकूँगा,
यह रुत बदलने न दो।

ये आरज़ू है तुम पास आकर,
बाहों में लेलो मुझे।
प्यारा सा कोई खिलौना समझकर,
जी भर के खेलो मुझे।

संजय नारायण

Language: Hindi
73 Views

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