गुज़रते वक़्त के मानिंद गुज़र न जाऊं कहीं एक दर्दे एहसास जिसे कह न पाऊं कहीं । गुज़रते वक़्त की मानिंद गुज़र जाऊं कहीं ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद