गीत
विधा- गीत
मुखड़ा-
चाहत में तेरी डूबी मेरी आंखें
मोहब्बत का सुन खुलने वाला राज़ है,
न जाने मोहब्ब्त का अंजाम होगा क्या
मोहब्बत हमारी चढ़ी परवाज़ है।
ये लहराता आंचल, बलखाती कमरिया,
ये नागिन सी चोटी में फूलों का गजरा
बड़ा दिलकशीं, सुन तेरा अंदाज़ है
बड़ा खूबसूरत,इश्क अहसास होगा
यही तो मुहब्बत का सुंदर आगाज़ है।
चाहत में तेरी डूबी मेरी आंखें,मोहब्बत हमारी चढ़ी परवाज़ है
ये आंखें, ये पलकें, ये बिंदिया, ये काजल
ये चूड़ी, ये कंगना, ये झुमके, ये पायल
मेरे दिल की धड़कन बनी आज साज़ हैं।
इसे सुन के सांसों को चैन मिलेगा,
कोयल सी सुरीली चाहत की आवाज़ है।
चाहत में तेरी डूबी मेरी आंखें,मोहब्बत हमारी चढ़ी परवाज़ है…
ये अल्हड़ अदाएं , ये ज़ुल्फों की खुशबू,
ये अधरों पे लाली, हाय!बातों में जादू,
दिवाना हुआ दिल तिरा मोहताज है।
मेरा भी दीवानों में अब नाम होगा,
ये सोच के दिलबर खुद पे हमें नाज़ है।
चाहत में तेरी डूबी मेरी आंखें,मोहब्बत हमारी चढ़ी परवाज़ है…
स्वरचित
नीलम शर्मा ✍️