Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2023 · 1 min read

गीत

गीत

– -क्षेत्रपालशर्मा

फूलों जैसे उठो खाट से,

बछडों जैसी भरो कुलान्चे,

अलसाये मत रहो कभी भी,

थिरको एसे जग भी नांचे ।

नेक भावना रखो हमेशा,

जियो कि जैसे चन्दा तारे,

एसे रहो कि तुम सब के हो,

और सभी है सगे तुम्हारे।

फूलो फलो गाछ हो जैसे,

बोलो बहता नीर,

कांटे बनकर मत जीना तुम

हरो परायी पीर ।

कहना जो है सो तुम कहना,

संकट से भी मत घबराना,

उजियारे के लिये सलोने,

झान -ज्योति का दीप जलाना।

मत पडना तुम हेर फेर में,

जीना जीवन सादा प्यारा,

दीप सत्य है एक शस्त्र है,

होगा तब हीरक उजियारा ।।

kshetrapal Sharma at 4:18 AM
Share

Language: Hindi
181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
2947.*पूर्णिका*
2947.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बूढ़ा दरख्त गाँव का *
*बूढ़ा दरख्त गाँव का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*निरोध (पंचचामर छंद)*
*निरोध (पंचचामर छंद)*
Rituraj shivem verma
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
???
???
*प्रणय प्रभात*
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
Rj Anand Prajapati
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
सार्थकता
सार्थकता
Neerja Sharma
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
जनता के हिस्से सिर्फ हलाहल
जनता के हिस्से सिर्फ हलाहल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
gurudeenverma198
माँ सरस्वती
माँ सरस्वती
Mamta Rani
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
Shreedhar
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
surenderpal vaidya
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
Dr fauzia Naseem shad
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
Neelam Sharma
रावण की गर्जना व संदेश
रावण की गर्जना व संदेश
Ram Krishan Rastogi
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
नव भारत निर्माण करो
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
We become more honest and vocal when we are physically tired
We become more honest and vocal when we are physically tired
पूर्वार्थ
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मेरी मलम की माँग
मेरी मलम की माँग
Anil chobisa
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
.........???
.........???
शेखर सिंह
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
Loading...