गीत
मैंने कहा हमेशा तुमसे,
उड़ना दूर क्षितिज तक जाना।
बोलो! कभी कहा है तुमसे डोरी मेरे हाथ रहेगी ?
मैंने चाहा तुम तितली के साथ उड़ो खुशबू ले आओ।
मैंने चाहा सीखो खिलना, फूलों के जैसे मुस्काओ।
मैंने कहा हमेशा तुमसे,
उड़ना, खिलना मुस्काना पर,
बोलो! कभी कहा है तुमसे खुशबू मेरे साथ रहेगी?
मैंने चाहा ऐसे चमको सूरज जलकर लगे सुलगने।
मैंने चाहा तुम पर रीझी देव नारियां लगें उतरने।
मैंने कहा हमेशा तुमसे
तुम देवों सा आसान पाओ।
बोलो कभी कहा है तुमसे, प्रभुता मेरे माथ रहेगी ?
© शिवा अवस्थी