गीत
?⛷️मेरे आंगन में वो खेलती
वो नन्हीं परी
फुदक फुदक कर खेलती
वो मासूम कली
कभी इठलाती कभी बलखाती
कभी उछल कूद करती
नन्ही परी
कभी सजाती कभी संवारती
कभी चूड़ी पहनाती।
बुरी नजर न लगे किसी की
काला टीका लगाती
कभी रोती कभी हसती
कभी जिद पर ही अड़ जाती।
कभी मांगती टिम टिम। तारे
कभी मांगती चंदा मामा
वो नन्हीं परी
ये सोच के मन हे रोता
बेटी तो हे पराया धन
ये सोच के दिल उदास होता।
मेरी प्यारी लाडो् प्यारी चिरैया
उड़ जैहो पराय देश
इक रोज चली जायेगी
चंचल नटखट मेरी
नन्हीं परी
सुषमा सिंह
कानपुर