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14 Dec 2021 · 1 min read

गीत

गीत

नूर हो तुम ,नूरानी हूं मैं
तुम बाग हो, मैं हूं बहार
मिलजुल खेले हम पवन से
चांद के उस पार।

मेरी प्रीत को झूठ न समझो
रीत का है यह परचम
मेरे तन के हर एक रोम में
बस गए हो हमदम
प्रीत के पथ पर दौड़ते आओ
हो करके बेकरार, हो हो
हो करके बेकरार।
मिलजुल खेले हम पवन से
चांद के उस पार।

राग सुहाना पवन सुनाएं
खिल उठी अंबराई
प्रेम में मन की पायल छनकी
पायल छनकी छनन छनन नन
मन की वीणा बज आई
रे बीणा बज आई
राह तकते नैना हारे
हो करके बेकरार , हो ओओ
हो करके बेकरार।
मिलजुल खेले हम पवन से
चांद के उस पार।
नूर हो तुम, नूरानी हूं मैं
तुम बाघ हूं मैं हूं बहार ।

ललिता कश्यप गांव सायर
जिला बिलासपुर हि० प्र०।

Language: Hindi
Tag: गीत
148 Views
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