गीत
कलम को चूम कर चलो आज कोई गीत लिखें
शब्दों को सुर में पिरो चलो आज कोई गीत लिखें
मन में अठखेलियां उठ रही हैं जरा सब्र तो करो
भावना का समंदर है चलो आज कोई गीत लिखें
जो बीत गए लम्हे तन्हाई में याद करते उनको
उनकी याद में ही सही चलो आज कोई गीत लिखें
उनकी बेवफाई भी रास आ गयी अब तो हमको
रिश्ता निभा रहे हम तो चलो आज कोई गीत लिखें
शायद कोई गीत छूले उनकी दिल की गहराई को
दिल की गहराई से फिर चलो आज कोई गीत लिखें
वीर कुमार जैन
26 जुलाई 2021