गीत
गीत
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नीन्द नहीं आती मुझको तेरे बिन रातों में ,
खोया रहता हूँ हर पल तेरे ही खयालों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको……………………!
चेहरा तो नज़र ही आए तेरा हर नज़ारों में ,
खिलती हो हमेशा तुम जैसे इन बहारों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको……………………!
खुशबू महकती तेरी जैसे हर फिजाओं में ,
आईना बनाके देखूँ तुझको इन हवाओं में ।
नीन्द नहीं आती मुझको…………………….!
जब भी देखूँ जान तुझे सुर बना इन साज़ों में ,
तू जो मेरा साथ दे दे नज़म सुना दूँ नगमों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको……………………….!
आजा तुझको उठा लूँ मैं अपनी इन बाहों में ,
मेरी जान छुपाले मुझको अपनी निगाहों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको………………………!
प्यार मेरा खो ना जाए इन चहूँ दिशाओं में ,
तुझको बिठा के रखूँ आजा इन पलकों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको……………………..!
आजा जुल्फ़ सवारूँ मैं तेरी इन घटाओं में ,
माँग तेरी भरके देखूँ आजा इन सितारों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको…………………….!
प्यार तेरा ही पाना चाहूँ सिर्फ हर जमाने में,
आजा मैं फना हो जाऊँ तेरी इन साँसों में ।
नीन्द नहीं आती मुझको…………………….!
प्यार,उल्फ़त,इश्क़,मोहब्बत है सब नाम में ,
कब,कहाँ किसी से हो जाए इस जहान में ।
नीन्द नहीं आती मुझको…………………….!
– प्रकाश प्रभात,प्रधानाध्यापक-सह-संचालक
प्राo विo बाँसबाड़ी, बायसी, पूर्णियाँ, बिहार
मोबाईल- 9572276664 ,9525957473