गीत
विषय- “शपथ”
आज शपथ खोओ तुम वीरों माँ का मान बढ़ाओगे,
भारत वीरों की जननी है समता भाव जगाओगे।
आतंकी हमलावर छाए इनको मार भगाओगे,
मातृभूमि की शान बने तुम गौरव इसका गाओगे।
दुश्मन से ये घिरी धरा है जननी करे चीत्कार रे,
उठती लपटें आज चिता से खिंची हुई तलवार रे।
जाति-पाँति का भेद भुलाकर जग में ऊँचा नाम करो,
जागो वीर जवानों जागो राष्ट्र प्रेम हित काम करो,
माँ की बलिवेदी पर चढ़कर अपना शीश कटाओगे,
भारत वीरों की जननी है समता भाव जगाओगे।
आतंकी की गोली झेले सहमा खड़ा कश्मीर रे,
वीरों की जननी भारत है बढ़ो प्रताप से वीर रे।
कुर्बानी का बदला लेकर रच डालो इतिहास को,
आज तिरंगा हाथ लिए तुम जागृत करो विश्वास को।
आतंकी को सबक़ सिखाकर पग तल धूल चटाओगे,
भारत वीरों की जननी है समता भाव जगाओगे।
आज शपथ खाओ तुम वीरों माँ का मान बढ़ाओगे,
भारत वीरों की जननी है समता भाव जगाओगे।
आतंकी हमलावर छाए इनको मार भगाओगे,
मातृभूमि की शान बने तुम गौरव इसका गाओगे।
डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
महमूरगंज, वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर