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21 May 2024 · 1 min read

गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,

गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
नगर में रहती हूं मगर नागर नहीं हूं,
नयनों में जल है मगर सागर नहीं हूं।
फक्र है मुझे कि मैं कायर नहीं हूं

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