गीत- लगें कड़वी मगर बातें…
गीत- लगें कड़वी मगर बातें…
लगें कड़वी मगर बातें कहूँगा सच सुनो यारों।
नहीं दूरी बना लेना सबक में रच सुनो यारों।।
परख बेटे की शादी बाद पत्थर है कि हीरा है।
जवानी में परख बेटी उजाला या अँधेरा है।
भुलाकर मोह रिश्तों से अदब दिल रख सुनो यारों।
नहीं दूरी बना लेना सबक में रच सुनो यारों।।
परख शौहर की हो बीमार जब भी यार बीवी हो।
ग़रीबी में परख बीवी मनुज घायल नशीबी हो।
करो तब सामना दुख का ख़ुशी से नित सुनों यारों।
नहीं दूरी बना लेना सबक में रच सुनो यारों।।
मुसीबत में परखिए दोस्त भाई को लड़ाई में।
विरासत में बहन परखो छिपा है सच दुहाई में।
बुढ़ापे में परख औलाद रुत का मत सुनों यारों।
नहीं दूरी बना लेना सबक में रच सुनो यारों।।
आर. एस. ‘प्रीतम’