* गीत मनभावन सुनाकर *
** गीतिका **
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गीत मनभावन सुनाकर जाइये।
और सबके खूब मन को भाइये।
जिन्दगी में है बहुत दुश्वारियां।
चाहते हो तो हमें बतलाइये।
काम हिम्मत से तनिक अब लीजिए।
बेवजह यूं ही नहीं घबराइये।
कुछ भले इन्सान भी हैं हर जगह।
बात यह मन को स्वयं समझाइये।
राह अपने आप बनती जाएगी।
छोड़ हर शंका नहीं भरमाइये।
कौन किसका साथ देता है यहां।
सत्य है यह जान कर मुस्काइये।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २३/१२/२०२३