गीत बनाकर गाया कर ।
दर्द बढ़े जब दिल का अपने
गीत बनाकर गाया कर।
अपने हैं जो कहाँ का शिकवा।
हरदम गले लगाया कर।
अपना साथी आप बने तो
नयी राह अपनाया कर।
क्या सुख क्या दुख सदा रहे सम
यूँ न अश्रु बहाया कर।
दर्द बढ़े जब दिल का अपने
गीत बनाकर गाया कर।
दिल के घाव समेटे अंदर
किसी को न दिखलाया कर।
यह जीवन अनमोल है समझे।
इसको यूँ न जाया कर।
दर्द बढ़े जब दिल का अपने
गीत बनाकर गाया कर।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र ।