#गीत//प्रेम
#गीत
तुम हँसके बातें चार करो,
रोम-रोम खिल जाएगा।
हर दर्द निकल कर सीने से,
ख़ुशियों में ढ़ल जाएगा।।
प्यार तुम्हारा बादल बनके,
बरसे दिल के आँगन में।
फूल खिलेंगे तब चाहत के,
महक भरें मन मधुबन में।
मधुर तान ले जीवन अपना,
गीत अमर बन जाएगा।
हर दर्द निकाल कर सीने से,
ख़ुशियों में ढ़ल जाएगा।।
सर्द धूप सी मुस्क़ान लिए,
पग-पग प्रीत निभाएंगे।
कड़ी धूप में इक दूजे की,
छाया हम बन जाएंगे।
उषा काल-सा शांत हृदय हो,
हर उलझन सुलझाएगा।
हर दर्द निकल कर सीने से,
ख़ुशियों में ढ़ल जाएगा।।
प्रेम गर्व है प्रेम सर्व है,
प्रेम अमृत का प्याला है।
प्रेम बिना है जीवन तम-सा,
पाकर इसे उजाला है।
‘प्रीतम’ प्रीतम हो जो सबका,
कभी न भूला जाएगा।
हर दर्द निकल कर सीने से,
ख़ुशियों में ढ़ल जाएगा।।
#गीतकार-आर.एस.’प्रीतम’