गीत ….. प्यार पै भारी फाईन है
…..गीत
प्यार पै भारी फाईन है …..
………….
प्यार पै भारी फाईन है
देखो वैलेन्टाईन है
जो भी मांझी संग पकडा
डण्डों का बदन पर साईन है
देखो वैलेन्टाईन है …….
घर से सभल..सभल जाना
बीवी को भी संग ले जाना
बैठे जो कहीं होटल में संग
मीडिया की वहां लम्बी लाईन है
देखो वैलेन्टाईन है ……..
फूल के बदले ..शूल मिले
राहों में जो किसी से पेच लडे
मौहब्बत का नशा उतरे नीचे
खाकी का गुस्सा टाईन है
देखो वैलेन्टाईन है ……..
तैरहा में मिलो पन्द्रहा में मिलो
चौदह में एस.एम.एस.युद्ध करो
यादों में गुम होकर देखो
ख्बाबों की खुली वाईन है
देखो वैलेन्टाईन है ………..
हर तरफ खौफनाक पहरे
मिलने पर बादल है गहरे
सरे ..राह मिलने पर कर्फयू
सपनों की खुली सब लाईन है
देखो वैलेन्टाईन है …………
बजरंग दल यूं फूंकार रहा
पश्चिम को वो ललकार रहा
वैलेन्टाईन पर रोक लगाने को
शिव सेना ने खौली ज्वाईन है
देखो वैलेन्टाईन है …………
इंकलाब करो , मिलने वालो
खुलकर मिलो, मिलने वालो
कह दो जमाने से ” सागर ”
पी हमनें इश्क की वाईन है
देखो वैलेन्टाईन है ………!!
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मूल गीतकार
डाँ. नरेश कुमार “सागर”
9897907490