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20 Oct 2024 · 1 min read

गीत- निभाएँ साथ इतना बस…

निभाएँ साथ इतना बस नज़र दोनों की मिल जाएँ।
हो करवाचौथ हरपल ही हृदय दोनों के खिल जाएँ।।

दिलों में प्रेम का विश्वास का हो व्रत हरपल ही।
उड़ाओ मत मुहब्बत का कि सिर से भूल आँचल ही।
बुरा-अच्छा कोई भी वक़्त मिलकर साथ चल जाएँ।
हो करवाचौथ हरपल ही हृदय दोनों के खिल जाएँ।।

करें सम्मान चाहत में फलें अरमान ख़िदमत में।
तभी दो तन बने इक जान हिक़मत से नफ़ासत में।
इबादत में लम्हें अपने ख़ुशी लेकर कि फल जाएँ।
हो करवाचौथ हरपल ही हृदय दोनों के खिल जाएँ।।

नहीं नाराज चंदा-चाँदनी होते कभी भी हैं।
नहीं नाराज नग़मा रागिनी होते कभी भी हैं।
हिले चाहे ज़माना पर नहीं हम यार हिल जाएँ।
हो करवाचौथ हरपल ही हृदय दोनों के खिल जाएँ।।

आर.एस. ‘प्रीतम’
शब्दार्थ- ख़िदमत- इज़्ज़त, हिक़मत- उत्तम युक्ति/तत्त्व ज्ञान, नफ़ासत- सज्जनता, नग़मा- गीत

Language: Hindi
1 Like · 56 Views
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