गीत गाता बसंत
…. गीत गाता बसंत
आया बसंत लेकर ,देखो बहारें कितनी
उडती है खुब खुशबू, उड़ती है कितनी तितली
आया बसंत लेकर……….
सरसों से मानों जैसे,सोना बरस रहा हो
सूरज भी लगता जैसे, खुद में उलझ रहा हो
खुशीयों में झूमे नाचें, देखो तो कितनी तितली
आया बसंत लेकर, देखो बहारे कितनी……
चारों तरफ खुशी से , नाचें मयूर देखो
कोयलया गीत गाए, मस्ती में हिरन देखो
हरियाली देखकर के,इतराए गौरी कितनी
आया बसंत लेकर देखो बहारे कितनी….
पुरवाई गीत गाए, तन टूट मुस्कराए
धरती लगे दुल्हन सी,ये बसंत जब भी आए
कुदरत की ये छटा भी, अनमोल हीरे जितनी
आया बसंत लेकर, देखो बहारे कितनी………
हो जन्म दिन मुबारक,तुमको हे मात वीणा
धरती पै ज्ञान बांटा, तुमने ही मात वीणा
नाचें खुशी से धरती, मल्हार गाएं कितनी
आया बसंत लेकर, देखो बहारें कितनी
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जनकवि/बेखौफ शायर
……. डॉ.नरेश “सागर”
9149087291