Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2024 · 1 min read

गीत गाऊ

कब तक सोचु तुमको ,
कब तक तेरे गीत गाऊ ,
उम्मीद न रखना कहा था तुमने ,
तो कैसे हृदय की पीड़ा समझाऊ तुमको ,
तुमको न समझा न जाना ,
तब भी प्रीत था माना ,
अब असंभव सा लगता है ,
तुमसे कुछ कह पाना ,
आशा है बस एक बार मिलकर जाना ,
चाहकर तेरी बात न कर पाऊ ,
अब खुद में ही घुटता जाऊ ,
घुटकर तेरी यादों को ठुकराऊ ,
यादों से ही ,
आंखों की बरसात में बहता जाऊ ,
दर्पण में तुझको देखु ,
कब तक तेरी रहा देखु ,
देखु तेरी आदतों को अपना बनाऊ ,
अब तेरे ही गीत गाऊ ||

Language: Hindi
1 Like · 188 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*आहा! आलू बड़े मजेदार*
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
Dushyant Kumar
【आज का शेर】
【आज का शेर】
*प्रणय*
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
कहो वह कौन आता है?
कहो वह कौन आता है?
कुमार अविनाश 'केसर'
अनन्तता में यादों की हम बिखर गए हैं।
अनन्तता में यादों की हम बिखर गए हैं।
Manisha Manjari
भूखे रिश्ते
भूखे रिश्ते
पूर्वार्थ
ख़ुद को मिटाया तब कहीं जाकर ख़ुदा मिला ।
ख़ुद को मिटाया तब कहीं जाकर ख़ुदा मिला ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आजकल
आजकल
Munish Bhatia
कुण्डलिया कैसे लिखें...
कुण्डलिया कैसे लिखें...
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
कविता
कविता
Rambali Mishra
मिलता है...
मिलता है...
ओंकार मिश्र
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
" न जाने क्या है जीवन में "
Chunnu Lal Gupta
गुरु
गुरु
Dr. Bharati Varma Bourai
గురువు కు వందనం.
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सहूलियत देख कर मिलने आते हो
सहूलियत देख कर मिलने आते हो
Chitra Bisht
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Bundeli doha
Bundeli doha
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"मंजिलें"
Dr. Kishan tandon kranti
* मिट जाएंगे फासले *
* मिट जाएंगे फासले *
surenderpal vaidya
"कुछ तो गुन गुना रही हो"
Lohit Tamta
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
Anis Shah
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किफायत या सहूलियत
किफायत या सहूलियत
Nitin Kulkarni
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
Santosh Shrivastava
Loading...