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20 Mar 2022 · 1 min read

गीत – कौन चितेरा चंचल मन से

कौन चितेरा चंचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है
कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से आँक रहा है

कौन पथिक है अति उत्साही
पथ के जो निर्देश न माने
प्रेम पथों के सत्य न समझे
प्रेम पथों के मोड़ न जाने

कौन हठीला दुर्गम पथ पर मन के घोड़े हाँक रहा है
कौन हमारे मन की ताक़त…

किसने मेरे सपने देखे
किसको गहरी नींद न आये
कौन उनींदा जाग रहा है
अर्ध निशा में दीप जलाये

कौन विधर्मी तप्त हृदय में चाँद रुपहला टाँक रहा है
कौन हमारे मन की ताक़त…

कौन विरत है खुद के तन से
किसका खुद पर ध्यान नहीं है
किसने दंश न झेले तन पर
किसको विष का ज्ञान नहीं है

कौन सँपेरा साँप पिटारी खोल रहा है ढाँक रहा है
कौन हमारे मन की ताक़त…

… शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 733 Views
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