गीत- किसी बरसात-सी मुझको…
किसी बरसात-सी मुझको भिगाती हैं तेरी यादें।
बनी ख़ुशबू उतरने दिल में आती हैं तेरी यादें।।
बसी हो रूह में मेरे भुला सकता नहीं तुझको।
मुझे तू भूल जाएगी गँवारा ये नहीं मुझको।
मधुर मीठे मुझे नग़में सुनाती हैं तेरी यादें।
बनी ख़ुशबू उतरने दिल में आती हैं तेरी यादें।।
सितारों से कहीं आगे हमारा प्यार हो जाए।
दिलों का हाल ऐसा हो खिला ग़ुलज़ार हो जाए।
सुनो बनके बहारें दिल रिझाती हैं तेरी यादें।
बनी ख़ुशबू उतरने दिल में आती हैं तेरी यादें।।
घुला चंदन तेरी मुस्क़ान के मनहर इशारों में।
हँसे शबनम निग़ाहें नूर के उर्वर इशारों में।
मुझे मुझसे कहीं ज़्यादा ये भाती हैं तेरी यादें।
बनी ख़ुशबू उतरने दिल में आती हैं तेरी यादें।।
आर.एस. ‘प्रीतम’