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22 Sep 2018 · 1 min read

गीत (कविता)- “होगा कल हमारा रे”

कविता (गीत)- होगा कल हमारा रे

हाथ बढ़ाना यारा रे,

होगा कल हमारा रे |

साथ चलो तो पार करेंगे विपदाओं की खाई |

साथ आओ तो रोकेंगे हम जग की सभी लड़ाई ||

पाकर साथ मिटा देंगे हम जग की सभी बुराई |

आओ आओ सब मिल आओ- आओ बहना भाई ||

भेद भाव सब मिट जाएँगे,

देश दिखेगा न्यारा रे |

होगा कल हमारा रे ||1||

साथ चलो तो मीत मिटेंगी सभी थकानें भारी |

बड़ी से बड़ी मन्ज़िल भी अब होगी यार हमारी ||

साथ चलो तो राह कँटीली होंगी यार सुखारी |

असहाया और निर्बलाएँ भी ना होंगी दुखियारी ||

बेटी को अधिकार मिलेंगे,

समाज लगेगा प्यारा रे |

होगा कल हमारा रे ||2||

साथ चलो तो हो जाएँगे सारे सफर सुहाने |

साथ आओ तो मिल जाएँगे लम्हे सभी दिवाने ||

सभी पराये अपने होंगे- होंगे ना बेगाने |

भारी भारी अन्जाने पल होंगे ना अन्जाने ||

ऐ साथी तू मिल जाये तो,

होगा संग सहारा रे |

होगा कल हमारा रे ||2||

कवि शिवम् सिंह सिसौदिया ‘अश्रु’

ग्वालियर, मध्यप्रदेश,

सम्पर्क- 8602810884, 8517070519

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 263 Views
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