गीत – ” कत गेलौं पहुना “
कत गेलौं पहुना,उदास भेल अंगना
किएक अहां बनलौं,बेदर्दी सजना
कत गेलौं पहुना ….
रहि -रहि विरहा ,टीस मारे जियरा
तन में नै प्राण ,निष्प्राण लागै हमरा
अहां बिनु जिनगी ,रसहीन भेल सजना
किएक अहां बनलौं….
कत गेलौं पहुना ….
मौला गेल तन कुसुम, केश केर गजरा
सूखि गेल लाली होंठ ,बहि गेल कजरा
नैना नोर स भरल, दुःख कते कहु सजना
किएक अहां बनलौं ..
कत’ गेलौं पहुना …
रूसु अहां नै पिया, बिसरू ने झगड़ा
आबि जाउ ने गाम,अहां बनबु ने जतरा
नै बनु पाथर,परदेशी सजना
किएक अहां बनलौं, बेदर्दी सजना
कत’ गेलौं पहुना …
रंजना सिंह “अंगवाणी बीहट ”
बेगूसराय, बिहार