गीत- उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
गीत- उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
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जिनके हैं माँ-बाप नहीं, बस क्रंदन है
उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
भूखे प्यासे सड़कों पर दिख जाते हैं
रोटी कम, ठोकर ही ज्यादा खाते हैं
मजदूरी करते रोजाना दिन दिन भर
लेकिन खोटे सिक्के ही बस पाते हैं
ऊपर से मालिक का कितना बंधन है-
उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
मंदिर आगे बैठे हाँथ पसारे हैं
वे भी धरती के ही चाँद-सितारे हैं
सोचूँ तो व्याकुल हो जाता हूँ अक्सर
दुनिया में क्यों बच्चे गम के मारे हैं
जिनके सिर छत है ना कोई छाजन है-
उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
उम्र नहीं बच्चों की कष्ट उठाने की
उम्र यही है मस्ती में खो जाने की
पढ़ना-लिखना और खेलना हक इनका
उम्र नहीं यह भाई अश्रु बहाने की
जिनके मन में बस केवल सूनापन है-
उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
बड़े बड़े धनवान जगत में रहते हैं
भला करेंगे नेता जी भी कहते हैं
रोज दया के गाने गाए जाते पर
बच्चे तिल तिल कष्ट हजारों सहते हैं
जिन बच्चों के हेतु नहीं अपनापन है-
उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 15/11/2019