गीत उनके गुनगुनाने लगे है
जबसे गीत उनके हम गुनगुनाने लगे है
वो नजर पहले से कम अब आने लगे है
जो खुद भी तडफते थे हमसे मिलने को
अब खुद ही वो खूब बहाने बनाने लगे है
मिलती थी ठंडक जिनके मिलने से हमें
वो ही छोड़ अकेला दिल जलाने लगे है
गाते रहते थे हरपल गीत मेरी वफाई के
लोगों को मेरी खताऐ वो गिनाने लगे है
जो खींचते थे हमको हरपल अपनी और
दे धक्का हमें दूर आजकल जाने लगे है
कभी रहते थे हर दर्द की मरहम बनकर
तडफाए हमें ऐसी नस वो दबाने लगे है
चुपचाप चले जाते हमें तडफता छोड़के
अब तो यादों में आकर भी सताने लगे है