गीतिका
आधार छंद- सिंधु
समांत – अर , पदांत- नहीं है
मापनी- 1222, 1222, 122
किसी का देश ये अनुचर नहीं है।
यही है बात हमको डर नहीं है।।1
करेंगे काम ताकत से सभी हम,
पहुँच से दूर तो अंबर नहीं है।।2
हरा दे जो हमें कर सामना ये,
पड़ोसी नीच ताकतवर नहीं है।।3
दिये हैं पाक को मौके कि बदले ,
सुधरने को वही तत्पर नहीं है।।4
बढ़ा कश्मीर में आतंक सच ये,
नहीं हर हाथ में पत्थर नहीं है।।5
धरा का स्वर्ग था कश्मीर कहते,
सभी कुछ है वही अंतर नहीं है।।6
मिटा आतंक है संदेश देना,
हमारा देश ये कमतर नहीं है।।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय