गीतिका
बेख़ौफ़ दिल की धड़कन, बेख़ौफ़ लव हमारे ।
हम तुम पे मर मिटे हैं, खुश हैं सभी नज़ारे ।
कोई उन्हें बता दे, तिरछी नज़र हटालें,
नादान हैं बेचारे, समझे नहीं इशारे ।
कितनी करी थी कोशिश, कितने दबाब ड़ाले,
दिल यूँ जुड़े हैं दिल से, बेकार जतन सारे ।
मंदिर कि मस्ज़िदों के, रब मिल सभी संभालें,
इंसां जो मुहब्बत में, जीते कभी न हारे ।
बेशक उन्हें यकीं हो, बेशक वो कहर ढ़ालें,
‘ रवि ‘ यह कहे जहाँ से, हम हो गये तुम्हारे ।