Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2023 · 1 min read

गीतिका

नटवर नागर पुनः सुना दो,मीठी मुरली तान।
अधरों पर फिर लगे तैरने,प्यारी सी मुस्कान।।1

जीवन समर जीतना मुश्किल,चिंतित दिखता पार्थ,
एक बार प्रभु बनो सारथी, दे दो गीता ज्ञान। 2

प्रणय निवेदन तुम स्वीकारो,दे दो थोड़ा प्यार।
बात बात पर करना छोड़ो, भौहें तीर कमान।3

मन- मंदिर में बसा हुआ है,तेरा प्यारा रूप,
ठुकराया तो मिट जाऊँगा,कर इसका अनुमान।4

धन का अर्जन करते रहिए,चलकर सच्ची राह,
संचय करना उचित नहीं है, देते रहिए दान।5

कैसी अजब व्यवस्था ढुलमुल, समझ न आती रीत,
सबको भोजन जो देता वह,भूखा मरे किसान।6

नेक राह पर सदा चलें सब,करें न कोई भूल,
रहें परस्पर प्रेम भाव से,दो सन्मति भगवान।7
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 182 Views

You may also like these posts

पापा
पापा
Lovi Mishra
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
दर्द
दर्द
ओनिका सेतिया 'अनु '
*अभिनंदनीय हैं सर्वप्रथम, सद्बुद्धि गणेश प्रदाता हैं (राधेश्
*अभिनंदनीय हैं सर्वप्रथम, सद्बुद्धि गणेश प्रदाता हैं (राधेश्
Ravi Prakash
महात्मा गांधी– नज़्म।
महात्मा गांधी– नज़्म।
Abhishek Soni
खोया सिक्का
खोया सिक्का
Rambali Mishra
फूलों से सीखें महकना
फूलों से सीखें महकना
भगवती पारीक 'मनु'
इस जमाने जंग को,
इस जमाने जंग को,
Dr. Man Mohan Krishna
सत्य और राम
सत्य और राम
Dr. Vaishali Verma
मैं बूढ़ा नहीं
मैं बूढ़ा नहीं
Dr. Rajeev Jain
कतेए पावन
कतेए पावन
श्रीहर्ष आचार्य
नाम इंसानियत का
नाम इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
स्थायित्व।
स्थायित्व।
कुमार स्वरूप दहिया
3445🌷 *पूर्णिका* 🌷
3445🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
चिंतन...
चिंतन...
ओंकार मिश्र
"रचो ऐसा इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
गिरें क्या जरा सा!
गिरें क्या जरा सा!
manjula chauhan
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
Phool gufran
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
दीवारें चाहे जितनी बना लो घरों में या दिलों में
दीवारें चाहे जितनी बना लो घरों में या दिलों में
Dr. Mohit Gupta
*दुलहिन परिक्रमा*
*दुलहिन परिक्रमा*
मनोज कर्ण
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने।
दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने।
Sanjay ' शून्य'
ये दाग क्यों  जाते  नहीं,
ये दाग क्यों जाते नहीं,
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आखिर मुझे कहना है संवेदना है वो वेदना है
आखिर मुझे कहना है संवेदना है वो वेदना है
Sandeep Barmaiya
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
PRADYUMNA AROTHIYA
प्यारे मन
प्यारे मन
अनिल मिश्र
Loading...