Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2023 · 1 min read

सरस्वती वंदना-3

गीतिका-

लिखता रहूँ नित काव्य नूतन प्यार दे माँ शारदे।
मम लेखनी को भाव का उपहार दे माँ शारदे।।1

भावुक नहीं संवेदना से संबंध भी अपना नहीं,
पर काव्य लेखन का मुझे व्यवहार दे माँ शारदे।2

कंपित रहें सुन शब्द के हर नाद को पापी सदा,
वीणा सरिस ही कंठ को ,झंकार दे माँ शारदे।3

ममता दया करुणा सने जिनके हृदय में भाव हैं,
उनको कृपा कर प्रीति का संसार दे माँ शारदे।4

सब युग्म हों रसमय अलंकृत भाव से परिपूर्ण हों,
हर शब्द को सत्कृत्य सा विस्तार दे माँ शारदे।5

आवाज़ दुखियों की बने निस्वार्थ होकर लेखनी,
प्रेरक सुकोमल ज्ञानमय उद्गार दे माँ शारदे।6

हंसासना विद्या प्रदायिनि श्वेत पट तन धारिणी,
निर्वाण कामी दास को जग सार दो माँ शारदे।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 260 Views

You may also like these posts

तू नर नहीं नारायण है
तू नर नहीं नारायण है
Dr. Upasana Pandey
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
Raju Gajbhiye
क़िताब ज़िंदगी की
क़िताब ज़िंदगी की
Kanchan verma
*शुभ-रात्रि*
*शुभ-रात्रि*
*प्रणय*
दूरियों के क्या मायने
दूरियों के क्या मायने
Sudhir srivastava
मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रिये ! अबकी बार तुम्हारे संग, दीपावली मनाना चाहता हूँ....!
प्रिये ! अबकी बार तुम्हारे संग, दीपावली मनाना चाहता हूँ....!
singh kunwar sarvendra vikram
"दिल्ली"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डिजेन्द्र कुर्रे
मेरा नहीं है
मेरा नहीं है
Minal Aggarwal
प्रेम,पवित्रता का एहसास
प्रेम,पवित्रता का एहसास
Akash RC Sharma
अनंत नभ के नीचे,
अनंत नभ के नीचे,
Bindesh kumar jha
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
VINOD CHAUHAN
एकांत
एकांत
Shally Vij
Tlash
Tlash
Swami Ganganiya
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*अध्याय 8*
*अध्याय 8*
Ravi Prakash
सूक्तियाँ
सूक्तियाँ
Shyam Sundar Subramanian
सुबह -सुबह
सुबह -सुबह
Ghanshyam Poddar
নিদান
নিদান
Pijush Kanti Das
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
कार्तिक नितिन शर्मा
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
gurudeenverma198
घूंटती नारी काल पर भारी ?
घूंटती नारी काल पर भारी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुरुषोत्तम
पुरुषोत्तम
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
sp97 हम अपनी दुनिया में
sp97 हम अपनी दुनिया में
Manoj Shrivastava
बुंदेली चौकड़िया
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गांव की बात निराली
गांव की बात निराली
जगदीश लववंशी
उस्ताद जाकिर हुसैन
उस्ताद जाकिर हुसैन
Satish Srijan
अंधेरा छंट जाए _ उजाला बंट जाए ।
अंधेरा छंट जाए _ उजाला बंट जाए ।
Rajesh vyas
📝अवसर हमारे आस पास है बस सतर्क रहिये...♥️✨
📝अवसर हमारे आस पास है बस सतर्क रहिये...♥️✨
पूर्वार्थ
Loading...