गीतिका
गीतिका -20
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भरा दिलों में खार
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(आधार छंद अहीर , ११ मात्रा , चरणांत गाल)
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भरा दिलों में खार ।
कहीं न दिखता प्यार ।।१
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बैठे आतुर बाज ।
चिड़िया बने शिकार ।।२
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भर ले अपने कोष ।
राजनीति व्यापार ।।३
०
चढ़ा मुखौटा घूम ।
कर सपने साकार ।।४
०
गंदी है अति सोच ।
खोटा है व्यवहार ।।५
०
मत पत्थर बन सोच ।
क्या तेरा व्यापार ।।६
०
अब तो कर ले होश ।
बाकी दिन दो-चार ।।७
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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