गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
राम जी हैं अस्मिता सम्पूर्ण हिंदुस्तान की।
आचरण उनका कथा है सांस्कृतिक उत्थान की।।1
भव्य मंदिर की रखी है नींव जिसमें ठाठ से,
वास रघुवर जी करेंगे साथ माता जानकी।2
आदिवासी दलित वंचित को लगाया था गले,
राम ने हमको सिखाई भावना सम्मान की।3
मानकर आदेश पितु का राम वनवासी बने,
एक परिभाषा नई दी विश्व को संतान की।4
अंत कर दशशीश का ये ज्ञान है प्रभु ने दिया,
जीत होती है नहीं जग में कभी अभिमान की।5
स्वर्ण लंका सौंपकर वापस अवध में आ गए,
मूर्ति पावन बन गए प्रभु त्याग के प्रतिमान की।6
पूज्य बनते श्रेष्ठ कर्मों से मनुज जग में ‘बिपिन’
जय सियावर अवधनंदन राम जी भगवान की।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय